भारत में इस्लाम
भारत में इस्लाम के आगमन और वर्तमान स्थिति पर आलोचनात्मक लेख। 712 ईस्वी में मुहम्मद बिन क़ासिम का सिंध आक्रमण, दिल्ली सल्तनत, मुग़ल शासन से लेकर आज के वक्फ बोर्ड, पर्सनल लॉ, हिजाब विवाद और संविधान बनाम शरीयत का टकराव।
भारत में इस्लाम के आगमन और वर्तमान स्थिति पर आलोचनात्मक लेख। 712 ईस्वी में मुहम्मद बिन क़ासिम का सिंध आक्रमण, दिल्ली सल्तनत, मुग़ल शासन से लेकर आज के वक्फ बोर्ड, पर्सनल लॉ, हिजाब विवाद और संविधान बनाम शरीयत का टकराव।
यह लेख शरीयत के कठोर कानूनों, फसाद फ़िल अरज़, बग़ी, हुदूद और महिलाओं के अधिकारों पर आधारित वास्तविक केस स्टडीज़ और आलोचनात्मक विश्लेषण प्रस्तुत करता है। आधुनिक दुनिया और मानवाधिकार के नजरिए से सवाल उठाता है।
क्या हर बच्चा मुस्लिम पैदा होता है? इस लेख में कुरआन, हदीस और इस्लामी विद्वानों के दावों की आलोचनात्मक जाँच की गई है। इसमें फ़ितरत की असली परिभाषा, हदीस के स्रोत और आधुनिक तार्किक विरोधाभास उजागर किए गए हैं।
“मुस्लिम विद्वान अक्सर कहते हैं – ‘आगे-पीछे की आयत पढ़ो, कॉन्टेक्स्ट समझो।’ लेकिन कुरान का असली नुज़ूल क्रम और सूरा क्रम अलग है। इस लेख में जानते हैं क्यों ‘कॉन्टेक्स्ट’ का दावा महज़ एक बचाव का हथकंडा है।”
कुरान और मुस्लिम विद्वानों की रक्षा-रणनीति का आलोचनात्मक विश्लेषण भूमिका जब भी कुरान की किसी विवादित या कठोर आयत पर
जैद–ज़ैनब की घटना से कुरान की आयतें कैसे व्यक्तिगत इच्छा का साधन बनीं। इस्लाम में गोद लेने की सच्चाई और महिलाओं की स्थिति का विश्लेषण।
जाहिलिय्या युग में कन्या हत्या की हकीकत और इस्लाम के झूठे दावों का खुलासा। कुरान, हदीस और इतिहास से महिलाओं की असली स्थिति जानें।
यह लेख उन महिलाओं को समर्पित है जो किसी मुसलमान से विवाह करना चाहती हैं और कहती हैं, “मेरा अब्दुल ऐसा नहीं।” साथ ही, उन मुस्लिम महिलाओं के लिए भी जो यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) का विरोध करती हैं
क्या मुग़ल भारत में मंदिर तोड़ते थे? इस लेख में ऐतिहासिक प्रमाणों के आधार पर दिखाया गया है कि बाबर से औरंगज़ेब तक मुग़ल शासकों ने कैसे हिन्दू मंदिरों को तोड़ा और भारत की सांस्कृतिक धरोहर को नष्ट किया।
जजिया: कर का बहाना या धार्मिक जुल्म की बेड़ियाँ? इस लेख में कुरान, हदीस, हिदाया, आईन-ए-अकबरी और औरंगजेब की जीवनी से प्रमाण सहित दिखाया गया है कि जजिया कर सिर्फ आर्थिक कर नहीं था, बल्कि यह गैर-मुसलमानों पर धार्मिक अत्याचार और गुलामी की जंजीर थी।