
एल (El), यहोवा (Yahweh) और अल्लाह (Allah) की ऐतिहासिक और भाषाई यात्रा
1. कनानियों का ईश्वर: एल (El)
समय: लगभग 2000 ईसा पूर्व से
स्थान: कनान (आज का इज़राइल, फ़िलिस्तीन, लेबनान, जॉर्डन, सीरिया का कुछ हिस्सा)
कनानी सभ्यता बहुदेववादी (polytheistic) थी और इसमें अनेक देवताओं की पूजा होती थी। उनके पंथ में सबसे प्रमुख देवता “एल (El)” था, जिसका अर्थ है God (ईश्वर)। इसके साथ ही अन्य देवता जैसे बाअल (Baal), अशेरा (Asherah), अनात (Anat) भी पूजे जाते थे।
कनानी “El” का नाम बाद में इब्रानी (Hebrew) धार्मिक ग्रंथों में बार-बार आता है। उदाहरण स्वरूप:

- El Shaddai – सर्वशक्तिमान ईश्वर
- El Elyon – सर्वोच्च ईश्वर
स्रोत:
- Mark S. Smith, The Early History of God: Yahweh and the Other Deities in Ancient Israel
- Karel van der Toorn, Dictionary of Deities and Demons in the Bible
कनान का भौगोलिक और सांस्कृतिक संदर्भ:
कनान भूमध्य सागर (Mediterranean Sea) के पूर्वी तट पर स्थित था। इसकी सभ्यता 2000 ईसा पूर्व से पहले भी प्रचलित थी। ये लोग व्यापार और समुद्री यात्रा में निपुण थे। उनकी भाषा सेमिटिक भाषा-परिवार से जुड़ी थी। बाइबिल और अन्य प्राचीन ग्रंथों में कनानियों का उल्लेख अक्सर मिलता है। इस्राइली नबियों के दौर में भी “कनान की ज़मीन” का ज़िक्र बहुत होता है।
धार्मिक संदर्भ:
यहूदी और ईसाई ग्रंथों में कनानियों को मूर्तिपूजक और विशिष्ट धार्मिक विश्वास रखने वाला बताया गया है।
2. एल से यहोवा (Yahweh) तक
समय: लगभग 1200–1000 ईसा पूर्व
स्थान: कनान क्षेत्र

इस्राएली (Hebrews) क़ौम कनान क्षेत्र में उभरी और प्रारंभ में कनानी देवताओं की पूजा करती थी। धीरे-धीरे उन्होंने “एल” को अपने राष्ट्रीय देवता के रूप में अपनाया। इसका नया रूप बना यहोवा (YHWH / Yahweh)।
- यहोवा को केवल इस्राएल का ईश्वर माना गया और अन्य देवताओं को अस्वीकार कर दिया गया।
- पुराने नियम (Old Testament) की कई शुरुआती किताबों में El और Yahweh का मिश्रण मिलता है।
स्रोत:
- The Hebrew Bible (Exodus 6:2–3)
- Thomas Römer, The Invention of God
El और Yahweh का आपसी संबंध: भाषा, ग्रंथ और इतिहास के सन्दर्भ में
अब एक महत्वपूर्ण प्रश्न उठता है:
क्या “El” वास्तव में वही “Yahweh” (यहोवा) है, या फिर केवल एक सामान्य (generic) ईश्वर की अवधारणा है?
इसे समझने के लिए हमें तीन स्तरों पर देखना होगा —
- भाषाई (Linguistic)
- ग्रंथीय (Textual)
- ऐतिहासिक (Historical)
✦ भाषाई परिप्रेक्ष्य
- El (אֵל) प्राचीन सेमिटिक भाषाओं में एक सामान्य संज्ञा था, जिसका अर्थ था — ईश्वर / देवता / दैवी शक्ति।
- यह स्वयं में कोई विशेष नाम नहीं था।
उदाहरण:
- El Elyon (Genesis 14:18) → “सर्वोच्च परमेश्वर”
- El Shaddai (Exodus 6:3) → “सर्वशक्तिमान परमेश्वर”
👉 यहाँ “El” सामान्य देवत्व को दर्शाता है, जबकि Elyon या Shaddai विशेषण हैं।

✦ Hebrew Bible में Yahweh बनाम El
- Yahweh (יהוה) और El, दोनों शब्द कभी समानार्थी, तो कभी अलग-अलग प्रयोग किए गए।
- Exodus 6:3 बताता है कि अब्राहम, इसहाक और याकूब को परमेश्वर ने “El Shaddai” के रूप में दर्शन दिया, पर बाद में वह “Yahweh” नाम से प्रकट हुआ।
👉 इसका अर्थ है: प्रारंभ में “El” व्यापक दैवी सत्ता का द्योतक था, जबकि “Yahweh” एक विशिष्ट इस्राएली देवता का नाम था।
✦ Canaanite और Ugaritic साक्ष्य
- Ugaritic ग्रंथ (14वीं शताब्दी ईसा पूर्व) बताते हैं कि कना’नी धर्म में “El” सर्वोच्च पिता-देवता था।
- Yahweh का उल्लेख इनमें नहीं मिलता।
👉 विद्वानों के अनुसार Israelite धर्म ने बाद में El के गुण Yahweh में शामिल कर दिए।
✦ नामों में El और Yahweh
- “El” से जुड़े नाम: Israel, Daniel, Gabriel, Michael
- “Yahweh” से जुड़े नाम: Elijah (Eli + Yah), Hezekiah (Yahu)
👉 यह दर्शाता है कि —
- El = सामान्य ईश्वर
- Yahweh = विशेष वाचा (covenant) वाला ईश्वर
✦ विद्वानों का निष्कर्ष
- El, Yahweh का proper नाम नहीं था।
- बाद की परंपराओं में Yahweh को “El का सर्वोच्च रूप” मान लिया गया।
✦ संक्षेप
- El = प्राचीन सेमिटिक परंपरा का एक सामान्य supreme God / divine power।
- Yahweh = इस्राएल का विशेष covenant deity।
👉 समय के साथ Israelite परंपरा ने Yahweh को “The El” यानी El का सच्चा और सर्वोच्च रूप घोषित कर दिया।
3. अरबी इलाक़े और “अल्लाह” शब्द
व्युत्पत्ति:
- इलाह (Ilah) = देवता / God
- अल (Al) = The → अल्लाह (Allah) = The God (सिर्फ़ एक ईश्वर)

इस्लाम से पहले भी अरब “अल्लाह” शब्द का प्रयोग आकाश/सृष्टि के रचयिता ईश्वर के लिए करते थे, हालांकि वे अन्य देवताओं (जैसे लात, उज़्ज़ा, मनात) की भी पूजा करते थे।
- मक्का के काबा में “अल्लाह” का नाम पहले से प्रचलित था, लेकिन इसे एकमात्र ईश्वर नहीं माना जाता था।
अरबी में “अल्लाह” शब्द की उत्पत्ति “इलाह” (Ilah) से हुई है, जिसका अर्थ है “ईश्वर”। “इलाह” शब्द की जड़ें प्राचीन सेमिटिक भाषाओं में “एल” से जुड़ी हुई हैं। इसका प्रमाण प्राचीन शिलालेखों और धार्मिक ग्रंथों में मिलता है, जहाँ “इलाह” और “अल्लाह” का प्रयोग एकेश्वरवादी देवता के रूप में किया गया है।
स्रोत:
- Patricia Crone, Meccan Trade and the Rise of Islam
- Gerald Hawting, The Idea of Idolatry and the Emergence of Islam
4. इस्लाम में अल्लाह
कुरान में संदेश:
पैग़म्बर मुहम्मद ﷺ ने स्पष्ट किया कि अल्लाह वही एकमात्र ईश्वर है, उसका कोई साझीदार नहीं।

- उदाहरण: “कहो: वह अल्लाह एक है।” (कुरान 112:1)
इस्लाम ने अल्लाह को सर्वोच्च, अद्वितीय और साझीदार रहित परमेश्वर के रूप में स्थापित किया।
5. भाषाई तुलनाएँ
| भाषा | शब्द | अर्थ / टिप्पणी |
|---|---|---|
| कनानी / फिनीशियन | El | ईश्वर |
| हिब्रू | Elohim (बहुवचन रूप), Yahweh | यहोवा, राष्ट्र विशेष देवता |
| अरबी | Ilah → Allah | एकमात्र परमेश्वर |
| आरामी | Elah / Alaha | समानार्थक |
| सीरियक | Alaha | समानार्थक |
| ग्रीक | Theos | देवता / ईश्वर |
| लैटिन | Deus | देवता / ईश्वर |
यह भाषाई विकास दर्शाता है कि प्रत्येक संस्कृति ने अपने अनुसार उसी सर्वोच्च सत्ता को नाम और रूप दिया।
6. दक्षिण अरब, अल्लाह और रहमान
प्राचीन दक्षिण अरब (यमन और हिम्यार साम्राज्य) के शिलालेख:

- चौथी-पाँचवीं शताब्दी ईस्वी के शिलालेख (CIH 540, Ry 508, Ya 1028) में प्रमुख देवताओं का उल्लेख मिलता है।
- प्रारंभ में बहुदेववाद प्रचलित था, प्रमुख देवता: अलमाका, अत्तर, तलाब, वद्द, सायिन, धात-हिम्याम, अल-उज़्ज़ा, मनात, अल-लाह, अल-लात।
एकेश्वरवाद की शुरुआत:
- बाद में शिलालेखों में एक नए एकेश्वरवादी ईश्वर का वर्णन मिलता है: “आकाश और पृथ्वी का स्वामी”।
- शब्दावली: ʾlh n (इलाहन) और ʾmrʾ s1 my n w-ʾrḍ n
अल्लाह और यहा का विकास:
- ʾlh → इलाह → अल्लाह
- इस्लाम से पहले भी इसका प्रयोग सृष्टिकर्ता ईश्वर के लिए प्रचलित था।
रहमान (Raḥmān) का उद्भव:
- चौथी-पाँचवीं शताब्दी में अरामी प्रभाव से आया, अर्थ: ‘दयालु’।
- शिलालेखों में CIH 540, Ry 508, Ya 1028 में “आकाश और पृथ्वी के स्वामी” और “यहूदियों का प्रभु रहमान” के रूप में उल्लेख मिलता है।
ऐतिहासिक प्रमाण:
- ईसाई शिलालेख (512 ई.): “अल-इलाह” शब्द का उपयोग
- Umm al-Jamal और Jabal Dabub शिलालेख: “बिस्म अल्लाह” और “रहमान” के प्रयोग
- डॉ. मारिजिन वैन पुटन, डॉ. अहमद अल-जल्लाद आदि के शोध: प्राचीन अरबों में अल्लाह और रहमान के प्रयोग से एकेश्वरवाद का प्रमाण

- अल्लाह शब्द की जड़ प्राचीन El/Il और Ilah/Ilan में है।
- रहमान नाम 5वीं शताब्दी में अरामी प्रभाव से आया और दयालु ईश्वर का पर्याय बन गया।
- दक्षिण अरब के शिलालेख स्पष्ट करते हैं कि इस्लाम से पहले ही अल्लाह और रहमान दोनों नामों का प्रयोग एकेश्वरवादी ईश्वर के लिए प्रचलित था।
7. निष्कर्ष
- कनानी “El” सबसे प्राचीन स्वरूप है।
- यहोवा (Yahweh) उसी का विशिष्ट यहूदी रूप है।
- अरबों का “Allah” भी सेमिटिक परंपरा का हिस्सा है।
- इस्लाम ने “अल्लाह” को अद्वितीय, सर्वशक्तिमान और साझीदार रहित ईश्वर के रूप में स्थायी किया।
- यह दर्शाता है कि मानव सभ्यताओं ने ईश्वर की छवि को अपने ऐतिहासिक, भाषाई और सांस्कृतिक संदर्भ में गढ़ा, लेकिन जड़ें साझा सेमिटिक परंपरा में हैं।
“एल” से “अल्लाह” तक का विकास एक लंबी और जटिल प्रक्रिया है, जिसमें भाषाई, सांस्कृतिक और धार्मिक तत्वों का मिश्रण है। प्राचीन सेमिटिक भाषाओं में “एल” का प्रयोग एक प्रमुख देवता के रूप में होता था, जो बाद में विभिन्न धार्मिक परंपराओं में विकसित होकर “अल्लाह” के रूप में प्रतिष्ठित हुआ।
डिस्क्लेमर:
यह निष्कर्ष हमारे स्वतंत्र शोध और प्रासंगिक ऐतिहासिक-सांस्कृतिक स्रोतों के विश्लेषण पर आधारित हैं।
इनका उद्देश्य ज्ञान और समझ को प्रस्तुत करना है, न कि अंतिम अपरिवर्तनीय सत्य घोषित करना।
पाठक से अपेक्षा की जाती है कि वे अपने विवेक और अतिरिक्त स्रोतों के आधार पर समीक्षा एवं निर्णय करें।
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मुख्य संदर्भ-सूची:
- Mark S. Smith, The Early History of God: Yahweh and the Other Deities in Ancient Israel, Eerdmans, 2002
- Karel van der Toorn, Dictionary of Deities and Demons in the Bible, Eerdmans, 1999
- Thomas Römer, The Invention of God, Harvard University Press, 2015
- Patricia Crone, Meccan Trade and the Rise of Islam, Princeton University Press, 1987
- Gerald Hawting, The Idea of Idolatry and the Emergence of Islam, Cambridge University Press, 1999
- CIH 540, Ry 508, Ya 1028 शिलालेख, Marib और Ṣanʿāʾ, यमन
- Wikipedia (Umm al-Jamal, Jabal Dabub Inscriptions)
- Dr. Marijn van Putten, “The Epigraphic Evidence for Pre-Islamic Monotheism in Arabia”
- Dr. Ahmad al-Jallad, Arabic Epigraphy and Pre-Islamic Religious Vocabulary, Medievalists.net
