
(या फिर इतिहास के हाथी पर झूठ की पालकी?)
प्रस्तावना
इस्लामी परंपरा कहती है:
“मुहम्मद ﷺ का जन्म ‘عام الفيل’ — हाथी वाले साल में हुआ था।”
यानी वही साल जब अबराहा नामक हबशी सेनापति ने मक्का के काबा पर हाथियों के साथ चढ़ाई की थी।
और अल्लाह ने अबाबील (पक्षी) भेजे जिन्होंने पत्थर गिरा कर अबराहा की सेना को मार गिराया।
(संदर्भ: सूरह अल-फील, कुरान 105:1–5)
लेकिन क्या ये सिर्फ एक धार्मिक गाथा है — या इसके पीछे ठोस ऐतिहासिक साक्ष्य हैं?
आइए इसे ऐतिहासिक साक्ष्यों की कसौटी पर परखते हैं।
1. अबराहा का शासनकाल: क्या वो 570 में जीवित था?
अबराहा अक्सुम साम्राज्य (आज का इथियोपिया) द्वारा नियुक्त यमन का गवर्नर था।
उसने यमन पर 531–555/560 CE तक शासन किया।

प्रमाण:
- Himyarite शिलालेख Ry 506, Ry 507 (मारिब और ज़फ़ार में)
- ज़िक्र मिलता है अबराहा के शासनकाल और युद्धों का
- अक्सुमाइट इतिहासकारों की मानें तो:
अबराहा की मृत्यु लगभग 560 CE में हो गई थी,
और उसके बाद उसका पुत्र Masruq ibn Abraha सत्ता में आया।
इसका अर्थ है — अगर हमला 570 CE में हुआ होता,
तो अबराहा पहले ही मर चुका होता।
तो क्या भूत ने काबा पर हाथी चढ़ा दिए थे?

2. गिरजाघर बनाम काबा: धार्मिक प्रतिस्पर्धा या सैन्य कारण?
अबराहा ने San’a (सना) शहर में एक भव्य गिरजाघर Al-Qulays बनवाया था।
उद्देश्य: मक्का के काबा को पीछे छोड़कर इस गिरजाघर को नया धार्मिक केंद्र बनाना।
जब किसी अरब ने इस गिरजाघर को अपवित्र किया —
(कहा जाता है कि किसी ने उसमें मल या पेशाब कर दिया) —
तब अबराहा ने क्रोधित होकर मक्का पर हमला किया।
गिरजाघर निर्माण की तिथि:
लगभग 550–552 CE
इसलिए हमला 552–557 CE के बीच होना ज्यादा युक्तिसंगत है।
3. मुहम्मद ﷺ का जन्म = ‘عام الفيل’?
इस्लामी विद्वानों का दावा है:
“मुहम्मद का जन्म 570 CE में हाथी वाले साल में हुआ था।”
लेकिन सवाल ये है:
अगर हमला 552–557 CE के बीच हुआ, और अबराहा की मृत्यु 560 CE में,
तो 570 CE में हमला हुआ ही नहीं।

यानी दो ही विकल्प बचते हैं:
- या तो हमला पहले हुआ और जन्म बाद में —
→ फिर मुहम्मद का जन्म “हाथी वाले साल” में नहीं हुआ। - या इतिहास झूठा है — और धार्मिक कथा सही।
4. कुरान और हाथी – सूरह अल-फील क्या कहती है?
“क्या आपने नहीं देखा कि आपके रब ने हाथी वालों के साथ क्या किया?”
– (सूरह अल-फील 105:1–5)
यह सूरह तो घटना की ओर इशारा करती है —
पर तारीख नहीं देती,
और न ही मुहम्मद के जन्म से कोई सीधा संबंध दिखाती है।
प्रत्यक्ष शिलालेख का हवाला (Direct Epigraphic Evidence)
हिंदी:
Ry 506 (552 CE) से हमें पता चलता है कि अब्राहा मध्य अरब पर अभियान चला रहा था।
559–560 CE तक के शिलालेखों से उसका शासन मिलता है।
इसके बाद कोई शिलालेख नहीं मिलता—यह दर्शाता है कि इस समय तक अब्राहा मर चुका था।
(संदर्भ: Christian Robin, A New ‘Abraha Inscription from the Great Dam of Marib, PSAS 34, 2004)
उत्तराधिकारी का उल्लेख (Mention of Successors)
हिंदी:
अब्राहा की मौत के बाद उसके बेटे (जैसे Masruq) शासक बने, जिनका नाम बाद के शिलालेखों और अरब इतिहासकारों के लेखों में मिलता है।

मोहम्मद का जन्म और ‘عام الفيل’ का खंडन (Muhammad’s Birth and Rejection of “Year of the Elephant”)
हिंदी:
यदि अब्राहा 560 CE तक मर चुका था, तो 570 CE का हाथी-वाला साल उससे जोड़ना ऐतिहासिक रूप से असंभव है।
इसका मतलब है कि मोहम्मद का जन्म और कथित हाथी-वाला आक्रमण आपस में ऐतिहासिक रूप से मेल नहीं खाते।
Ry 506 (Murayghan Inscription)
हिंदी अनुवाद:
“रहमानान की शक्ति और उनके मसीह की शक्ति के साथ, राजा अब्राहा ज़ायबमन, सबा’, धू-रैदान, हदलमौत और यमनात का राजा, … ने यह पाठ उत्कीर्ण किया जब उन्होंने चौथी बार मआद पर आक्रमण किया … राजा ने हलीबान में एक सभा आयोजित की … मुंडिर का बेटा अम्र [अब्राहा] को समर्पित हो गया, उसने अपने बेटे को बंधक दे दिया … रहमानान की शक्ति के साथ वह हलीबान से लौट आया, अल-उल्लान महीने [सितंबर] माह में, वर्ष छह सौ बासठ में।”
कैलेंडर की समस्या (The Calendar Problem)
हिंदी:
Sabaean शिलालेख अपनी स्थानीय Himyaritic Era में तारीख लिखते थे। यह युग लगभग 110 BCE से शुरू हुआ माना जाता है।
इसलिए 662 Himyaritic = लगभग 552 CE बनता है।
(110 BCE + 662 = 552 CE)
Ry 506 का सही समय निर्धारण (Correct Dating of Ry 506)
हिंदी:
Ry 506 में “year 662, month dhu-‘allan” लिखा है। इसे CE में बदला जाए तो यह 552 CE निकलता है।
इसलिए विद्वान (Christian Robin, Jacques Ryckmans आदि) Ry 506 को 552 CE पर तिथि करते हैं।
सही बयान (Final Statement)
हिंदी:
Ry 506 शिलालेख में लिखा “वर्ष 662” का अर्थ ईस्वी 662 नहीं है, बल्कि हिम्यराइट (सबा’ई) युग का 662वाँ वर्ष है। इसे सामान्य ईस्वी सन् में बदला जाए तो यह 552 ईस्वी बनता है।
इस प्रकार Ry 506 यह सिद्ध करता है कि अब्राहा का मध्य अरब अभियान 552 ईस्वी में हुआ था—यानी मुहम्मद के कथित “हाथी वाले साल” (570 ईस्वी) से बहुत पहले।
8. निष्कर्ष
शिलालेखिक साक्ष्य स्पष्ट रूप से दिखाते हैं कि:
- अब्राहा की गतिविधि केवल 560 CE तक मिलती है।
- उसके बाद उसका बेटा शासन करता है।
- इसलिए “عام الفيل = मोहम्मद का जन्म = अब्राहा का हाथी आक्रमण” पूरी तरह काल्पनिक है।
5. ऐतिहासिक कसौटी पर तुलनात्मक विश्लेषण:
| कसौटी | 570 CE (इस्लामी दावा) | 552–557 CE (ऐतिहासिक अनुमान) |
|---|---|---|
| अबराहा जीवित? | संभवतः मर चुका था | शासनरत था |
| गिरजाघर-हमला तार्किक? | समय कम है | सीधा संबंध |
| शिलालेख मेल? | विरोधाभासी | पूर्ण समर्थन |
| कुरान में तारीख? | नहीं मिलती | नहीं मिलती |
| जन्म-वर्ष मेल? | परंपरा अनुसार | नहीं |
निष्कर्ष: एक धार्मिक कथा का निर्माण
570 CE को “हाथी वाला साल” कहना ऐतिहासिक रूप से सटीक नहीं लगता।
- यह सिर्फ पैगंबर के जन्म को चमत्कारी बनाने का एक प्रयास है।
- असली हमला शायद 557 CE के आसपास हुआ,
- और मुहम्मद का जन्म कुछ वर्ष बाद — यानी “हाथी वाले साल” में बिना हाथी के।
क्या यह संभव है कि ‘हाथी-वाले साल’ और मोहम्मद के जन्म की तिथियों में यह अंतर, हिजरी सन की चंद्र-आधारित गणना के कारण उत्पन्न हुआ हो? विस्तार से पढ़ें हमारा लेख: [लिंक]
अंतिम विचार:
“इतिहास हाथी पर नहीं चलता, साक्ष्यों पर चलता है।
धर्म कहता है — मानो।
इतिहास कहता है — साबित करो।“
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संदर्भ (References):
- Inscription Ry 506, Ry 507 – Himyarite Inscriptions (Yemen, 6th century CE)
- Beeston, A.F.L. “Abyssinian Chronology and the Dating of the Abraha Inscriptions.”
- Robin, C. “L’Arabie antique de Karib’îl à Mahomet.”
- Hoyland, R.G. Arabia and the Arabs: From the Bronze Age to the Coming of Islam
- The Quran – Surah al-Fil (105)
- Ibn Ishaq, Sirat Rasul Allah – परंपरागत जीवनचर्या ग्रंथ
- Al-Tabari – History of Prophets and Kings

संभवतः मर चुका था
शासनरत था